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"सफलता की कहानी" लोक अदालत में परिवारवाद के कई प्रकरण समझौते के आधार पर निराकृत हुए

 "सफलता की कहानी" लोक अदालत में परिवारवाद के कई प्रकरण समझौते के आधार पर निराकृत हुए





 उज्जैन 12 मार्च। शनिवार को आयोजित नेशनल लोक अदालत में परिवारवाद के कई प्रकरण समझौते के आधार पर निराकृत हुए। प्रधान न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय श्री विवेक कुमार गुप्ता के न्यायालय में प्रार्थिया ने प्रतिप्रार्थी पति जो कि पंचमपुरा में रहते हैं, उनके विरूद्ध तलाक की याचिका फरवरी 2022 में प्रस्तुत की थी। इनके जो पुत्र हैं। लोक अदालत में पीठासीन श्री गुप्ता और प्रशिक्षित मध्यस्थ ठाकुर हरदयाल सिंह एडवोकेट द्वारा दी गई समझाईश के आधार पर उभयपक्षों ने तलाक की याचिका निरस्त कर साथ में रहना स्वीकार किया। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री आरके वाणी, विशेष न्यायाधीश श्री अश्वाक अहमद खान और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री अरविंद कुमार जैन की उपस्थिति में दोनों पक्षकारों ने एक-दूसरे को माल्यार्पण किया और खुशी-खुशी साथ गये।


 इसी प्रकार उप प्रधान पीठासीन न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय सुश्री उषा गेडाम के न्यायालय में शहर के बापू नगर निवासी पति ने महाराष्ट्र के जलगांव निवासी पत्नी के विरूद्ध विवाह की पुनर्स्थापना का प्रकरण विगत नवम्बर-2021 को पेश किया था। उभयपक्ष की दो पुत्रियां हैं जो अपनी मां के साथ रह रही थी। लोक अदालत में दी गई समझाईश के आधार पर दोनों ने साथ में रहना स्वीकार किया। समझौते के आधार पर प्रकरण निराकृत हुआ।


 इसी प्रकार अवंतिपुरा निवासी आवेदिका ने अपने पति के विरूद्ध भरण-पोषण आवेदन विगत फरवरी-2021 को पेश किया था। लोक अदालत में दी गई समझाईश के आधार पर दोनों ने साथ में रहना स्वीकार किया। इस तरह नेशनल लोक अदालत में समझाईश दी जाकर कई घर दोबारा बसे।


क्रमांक 0704               अनिकेत/जोशी

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