Ticker

6/recent/ticker-posts

सिंचित भूमि को असिंचित बताकर रजिस्ट्री करना महंगा पड़ा, उप पंजीयक ने घट्टिया तहसील के 4 लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाई

 सिंचित भूमि को असिंचित बताकर रजिस्ट्री करना महंगा पड़ा, उप पंजीयक ने घट्टिया तहसील के 4 लोगों के विरूद्ध एफआईआर दर्ज करवाई



उज्जैन एक नवम्बर। कलेक्टर श्री आशीष सिंह को विगत दिनों गोपनीय सूचना प्राप्त हुई कि घट्टिया तहसील के कुछ भूमिस्वामी द्वारा सिंचित जमीन को असिंचित बताते हुए विक्रय किया गया एवं कूटरचना कर शासन के स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क की चोरी की गई है। कलेक्टर द्वारा उक्त मामले में जांच करवाइ्र गई। जांच में विक्रय की गई भूमि सिंचित होना पाई गई। जांच में लिये गये उक्त तीन दस्तावेजों में रजिस्ट्रीकर्ता पक्षकारों के द्वारा प्रस्तुत खसरों के कॉलम नम्बर 12 की कैफीयत में जो खसरा लगा है वह कूटरचना कर प्रस्तुत किया जाना पाया गया। जबकि लोक सेवा केन्द्र द्वारा प्रमाणित खसरा के कॉलम नम्बर 12 में भूमि सिंचित है। प्रकरण में चार व्यक्तियों के विरूद्ध कलेक्टर के निर्देश पर उप पंजीयक घट्टिया ने घट्टिया थाने में 30 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज करवा दी है।


उल्लेखनीय है कि ग्राम घट्टिया के भूमिस्वामी कमल पिता देवीसिंह ने भूमि सर्वे नम्बर 943/3/3 रकबा 0.39 हेक्टेयर जो कि सिंचित थी, असिंचित बताकर विक्रय कर दी और राज्य शासन को स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क 55 हजार 564 रुपये की क्षति पहुंचाई। इसी तरह ग्राम उज्जैनिया के भूमिस्वामी कलाबाई पति सिद्धू, लीलाबाई पति सिद्धू द्वारा 16 फरवरी 2021 को सर्वे नम्बर 1452 रकबा 0.52 हेक्टेयर जो सिंचित भूमि थी, को असिंचित बताकर विक्रय किया गया, जिससे शासन को स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क का कुल 25 हजार 134 रुपये की क्षति पहुंचाई गई। ग्राम पानबिहार भूमिस्वामी जितेन्द्र पिता मांगीलाल द्वारा 16 फरवरी 2021 को सर्वे नम्बर 1659/1/1 रकबा 0.35 हेक्टेयर जो सिंचित थी, को असिंचित का दस्तावेज बनाकर पेश कर विक्रय कर दी गई, जिससे शासन का स्टाम्प शुल्क का 39 हजार 399 रुपये की हानि हुई।


क्रमांक 3392                                                              एचएस शर्मा/जोशी

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ