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सफलता की कहानी" आदर्श ग्राम में तब्दील होता ग्राम डेडिया

 "सफलता की कहानी" आदर्श ग्राम में तब्दील होता ग्राम डेडिया 







उज्जैन 31 अक्टूबर । परिवर्तन ही प्रकृती का नियम है, परिवर्तन एक निरन्तर चलने वाली प्रक्रिया है ऐसे ही परिवर्तन एक कहानी का साक्षी बना है। जिला प्रशासन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उज्जैन के मार्गदर्शन में पंचायत विभाग की समस्त योजनाओं के मुख्य प्रयासों के चलते एक सामान्य से ग्राम को आज एक आदर्श ग्राम के रूप में परिवर्तित कर दिखाया है।


      म.प्र. के उज्जैन जिले में आने वाली डेन्डीया पंचायत का ग्राम डेन्डीया वेसे तो पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की सभी योजनाओं से लाभान्वित हो रहा है।


      ग्राम में निवास करने वाली महिलाऐं अपने घुंघट से चेहरा दिखाने में शर्माती एवं घर से बाहर निकलने में हिच-किचाती थी। म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जिला उज्जैन टीम के विशेष प्रयास एवं प्रचार प्रसार के माध्यम से ग्राम की महिलाऐं स्व-सहायता समूहों से जुड़कर आज पुरूषों से कंधे से कंधा मिलाकर चलने लगी है। 


     ग्राम डेन्डीया में 20 आजीविका स्व-सहायता समूहों का गठन किया गया है जिसमें 209 महिला सदस्य सम्मिलित है। सभी आजीविका स्व-सहायता समूहों द्वारा साप्तहिक बैठक कर 13 सूत्र का पालन किया जाता है जिसका हर सुत्र अपनी अलग महत्व एवं विशेषता रखता है जो महिलाओं के सामाजिक एवं आर्थिक विकास का प्रायः है।


     गांव में 15 आजीविका स्व-सहायाता समूहों को आर.एफ./बैंक लिंकेज के माध्यम से अब तक 30 लाख रूपये की राशि स्वीकृत कराकर 17 लाख रूपये वितरण भी म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के द्वारा करवाया जा चुका है जिससे समूहों की महिलाओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के साथ-साथ उन्हें आजीविका गतिविधियां (पशु पालन, किराना दुकान, सिलाई काय, उचित मूल्य दुकान, कृषि कार्य, दोना पत्तल निर्माण) से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाया गया है जो कि माननीय मुख्यमंत्री जी म.प्र. शासन के सपनों को साकार किया जा रहा है।


     ग्राम की राशन की दुकान जो पहले पुरूषों द्वारा संचालित की जाती थी जो वर्तमान में म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूहों के माध्यम से संचालित की जा रही है। 


     शासकीय स्कूल के छात्र-छात्राओं के गणवेश सिलाई का कार्य तथा दोना पत्तल निर्माण ईकाई ग्राम में स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित की जा रही है जिससे समूह की महिलाओं की आय में वृद्वि हुई है।


     किराना दुकान संचालन, गोबर खाद, केचुओं खाद निर्माण, वित्तीय साक्षरता कार्यों में भी रूची लेकर समूह की महिलाऐं कार्य कर रही है।  


     ग्राम मंे आजीविका स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वार एक आदर्श पोषण वाटिका का निर्माण किया गया है। आदर्श पोषण वाटिका को देखकर ग्राम की महिलाऐं अपने-अपने घर में पोषण वाटिका निर्माण करने से परिवार को ताजी सब्जी मिलेगी। पूर्व में बाजार से सब्जी खरीदने में जो खर्च होता था वह अब नही होगा।


        इतना ही नही जल्द ही डेन्डीया पंचायत भवन में म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जिला उज्जैन के स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा स्व-सहायता समूह काम्पलेक्स का संचालन किया जावेगा जिसमें निम्न गतिविधिया संचालित की जोवगी। 


ग्राम संगठन का कार्यालय


आजीविका रूरल मार्ट (समूह सदस्यों द्वारा निर्मित सामग्री का विक्रय) 

महिला कृषक पाठशाला (महिलाओं को जैविक कृषि जागरूकता हेतु प्रशिक्षण) 

पुस्तकलाय (ग्रामीण जनों के लिये किताब, पेपर, मेगजिन आदि)

कौशल पंजी ( बेराजगार व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करने हेतु मार्गदर्शन केन्द्र ) 

जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में तैयार करवाकर म.प्र. शासन की मंशानुसार स्व-सहायता समूहों सदस्यों की आय में वृद्वि होगी। 

                                                                

       यह परिवर्तन लगातार किये जा रहेे मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत उज्जैन के मार्गदर्शन में म.प्र. राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन जिला उज्जैन के टीम के प्रयासों का परिणाम है जो आगे भी महिलाओं को स्व-सहायता समूहों के माध्यम से आगे बढाने का कार्य करता रहेगा। आज डेन्डीया पंचायत उज्जैन की आदर्श पंचायत आदर्श ग्राम के रूप मे उभर के सामने आई है।

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