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खाद्य व्यापार में रिकॉल प्लान के महत्व विषय पर कार्यशाला आयोजित हुई

 खाद्य व्यापार में रिकॉल प्लान के महत्व विषय पर कार्यशाला आयोजित हुई



      उज्जैन 10 दिसम्बर। खाद्य व्यापार में रिकॉल प्लान के महत्व के विषय पर गत दिवस कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में फूड सेफ्टी अधिकारी श्री बसंत शर्मा उपस्थित थे। श्री शर्मा ने कंपनी के अधिकारी-कर्मचारियों को रिकॉल प्लान पर महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए बताया कि किसी कंपनी का प्रोडक्ट डिफेक्टिव या रूल रेग्युलेशन के अनुसार नहीं बनता है तो उसे मार्केट या ग्राहक से वापस या रिकॉल कर सकते हैं। इस सम्बन्ध में विस्तार से बताना आवश्यक है। रिकॉल प्लान से सम्बन्धित सूचनाएं भी ग्राहकों तक पहुंचाना आवश्यक है।


      फूड सेफ्टी अधिकारी श्री बसंतदत्त शर्मा ने यह जानकारी देते हुए बताया कि फूड बिजनेस ऑपरेटर को यह सुनिश्चित करना होता है कि समस्या आने पर या पता लगने पर फूड रिकॉल करना होता है तो दो घंटे के अन्दर प्रेस रिलीज करनी होती है। एफएसएसआई में रिकॉल प्लान पर कई सारे नियम हैं। इसे फॉलो करते हुए अपने उत्पादनों की गुणवत्ता को बनाये रखना चाहिये तथा समय-समय पर कार्यशालाएं आयोजित होनी चाहिये। इस अवसर पर फूड अधिकारी श्री पीपी तिवारी भी उपस्थित थे। कार्यशाला मनी ट्रेड सेन्टर भवन में आयोजित की गई। खाद्य एवं औषधी प्रशासन विभाग के जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी श्री शर्मा ने कहा कि निजी संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में रिकॉल प्लान पर कहा कि यह नये अधिनियम धारा-28 में विधिपूर्वक शामिल किया गया है। खाद्य उत्पादों की सुरक्षा अधिक सुनिश्चित हो जाती है। इसमें प्रत्येक खाद्य विनिर्माताओं को छूट मिलती है कि चूकवश खाद्य उत्पाद सभी सावधानियों के बावजूद यदि बाजार में विक्रय हेतु उपलब्ध हो जाता है तो किसी शिकायत या समय रहते गलती की जानकारी लगते ही उत्पाद को बाजार से वापस बुलाया जा सकता एवं पैकेजिंग सम्बन्धी त्रुटियों में सुधार की गुंजाईश होने पर सम्बन्धित सुधार कर उत्पाद पुन: विक्रय कर सकता है। कार्यशाला में बताया गया कि खाद्य विनिर्माता को अपने संस्थान में रिकॉल प्लान टीम का गठन करने प्रशिक्षित रखना विनिर्माता के कर्त्तव्यों में शामिल है। रिकॉल प्लान के अनुसार संस्थान में जिम्मेवार टीम में कम से कम दो लोग तकनीकी एवं दो सोशल मीडिया में दक्ष होने चाहिये, ताकि त्रुटिपूर्ण खाद्य की जानकारी लगते ही टीम सदस्य उपभोक्ता को उपरोक्त संशय में आ चुके खाद्य उत्पाद को कंज्यूम करने से रोकने हेतु प्रयास कर सकें और विभाग को सूचित कर सकें। निजी संस्था की ओर से श्री नरेंद्र कुमार चौकसे ने श्री बसंतदत्त शर्मा एवं श्री पीपी तिवारी का आभार व्यक्त किया।


क्रमांक 3217                                                                 उज्जैनिया/जोशी

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