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विशेष राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान के अंतर्गत फैमिली नेट वेसल कंपोस्टिंग से खाद बनाने की विधि

 विशेष राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान के अंतर्गत फैमिली नेट वेसल कंपोस्टिंग से खाद बनाने की विधि




उज्जैन 28 अक्टूबर। आजादी के 75वें वर्ष पूर्ण होने की उपलब्धि में ’’भारत अमृत महोत्सव’’ के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र, रा.वि.सि.कृ.वि.वि. उज्जैन द्वारा डॉ. आर.पी. शर्मा प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख के मार्गदर्शन में 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक विशेष राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है।


      स्वच्छता अभियान के अंतर्गत डॉ. रेखा तिवारी वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा किसान भाईयों एवं बहनों को ’’नेट वेसेल कंपोस्टिंग’’ द्वारा रसोई के कचरे को मूल्यवान खाद में बदलने की तकनीकी जानकारी दी गई, जिससे नेट वेसेल एक हरे रंग के नायलॉन के जाल से बना हुआ 90 से.मी. लंबाई और 35 से.मी. व्यास वाला होता है। जिसमें 10-15 किलो क्षमता वाली प्लास्टिक की टोकरी होती है। मात्र 30 दिनों में यह खाद खेत/किचन गार्डन में डालने के लिए तैयार हो जाती है।


      डॉ. एस.के. कौशिक, वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा प्रक्षेत्र अपशिष्ट से कम्पोस्ट बनाने की विधिक जानकारी दी। डॉ. डी.एस. तोमर, वरिष्ठ वैज्ञानिक द्वारा वेस्ट डी कम्पोस्ट से खेत के अपशिष्ट को खाद में परिवर्तित करने की विधिक जानकारी दी। श्री राजेन्द्र गवली, तकनीकी अधिकारी ने वर्मीकम्पोस्ट से आय के विभिन्न स्त्रोत के बारे में बताया। डॉ. मौनी सिंह, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी ने परिसर में स्वच्छता से सेहत पर होने वाले सकारात्मक परिणामों के बारे में बताया। श्री डी.के. सूर्यवंषी वैज्ञानिक ने खेत में गाजरघास से होने वाले दुष्प्रभावों की जानकारी दी।


      स्वच्छता अभियान के तहत सरस्वती शिशु मंदिर में वृक्षारोपण का वृह्द कार्यक्रम भी किया गया, जिसमें आम,आंवला, नींबू, सहजन तथा फूलों के पौधे रोपित किये गये। उक्त कार्यक्रम कृषि विज्ञान केन्द्र परिसर, प्रक्षेत्र परिसर, ग्राम सालाखेडी, कल्याणपुरा तथा गुराडिया गर्जर आदि गांवों में सफलतापूर्वक मनाया गया। कार्यक्रम से लगभग 600 किसान व किसान महिलाएं तथा छात्र-छात्राएं लाभांवित हुए। कार्यक्रम को यशस्वी बनाने में संस्था के श्रीमती ग़जाला खान, श्री अजय गुप्ता, श्रीमती सपना सिंह तथा श्रीमती रूचिता कनौजिया, कु. काजल चौधरी का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम गैर सरकारी संस्था कृपा वेल फेयर सोसाइटी की भी अहम भूमिका रही।


क्रमांक 3341                                                                उज्जैनिया/जोशी

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